मैथिलीक किछु फकरा
मैथिली फकरा कतेको अन्य भाषाक फकरा जकाँ एहेन अभिक्यक्तिक प्रयोग करैत अछि जकरा सभ्य/ शालीन नहि कहल जा सकैत अछि। मुदा फकरा त' फकरा अछि बिना जनने बुझब केना?
एक बेर किछ फकरा-लोकोक्ति आदि हम जमा केने छेलौं ..
१. बाप के नाम साग पात, बेटा के नाम परोर
२. देखले दरभंगा, चिन्हले चपरासी
३. जुरय लाइ नै, खाय बतासा
४. जुड़ै मियाँ के माँड नैय, माँगय मियाँ ताड़ी
५. साँय बहु में झगड़ा, पंच भेल लबरा
६. बाप के नाम लत्ती फत्ती, बेटा के नाम कदीमा
७. मारी माछ ने, उपछी खत्ता (पाइन)
८. पाइन में माछ, नौ नौ कुटिया बखरा
९. बाप छल पेट में, पूत गेल गया
१०. मूर्खक लाठी, बिच्चे कपार
११. हर बहए से खर खाए, बकरी खाए अंचार
१२. मुरखाहा के धन भेल, कबिलाहा ठगि ठगि खाय
१३. भुसकोल विद्यार्थी के गत्ता मोट
१४. पेट में खर नय, सिंघ मे तेल
१५. चिन्हे न जाने, मौसी मौसी करे
१६. खस्सी के जान जाय, खवैया के स्वादे नैय
१७. कानय के मोन छल त आईंख में गरल खुट्टी
१८. . अनकर धान पाबि त अस्सी मन तौलाबी
१९. अन्हार घर साँपे साँप
२०. माय बाप बिसैर गेलौं त बहु भेल फैमिली
२१. पैसा न कौड़ी आ बीच बजार में दौड़ी
२२. हम चराबी दिल्ली दिल्ली आ हमरा चरबय घरक बिल्ली
२३. माय बाप करे कुटान पिसान, बेटा के नाम दुर्गा दत्त
२४. मरय के मोन नै त उइठ उइठ बैठी
२५. अपने खाय लेल, गोइठा बिछय छल
२६. करनी ने धरनी आ सुवर्णी नाम
२७. काइंख तरि अँचार आ देखाबय पोथी के बिचार
२८. जेकर माय मरल तेक्कर पत्ता पर भाते नै
२९. जे भोज नै करे, से दाइल बड्ड पीबे
३०. करनी देखियौन मरनी बेर
३१. मुँह ने कान, बिच्चे में दोकान
३२. खो मंगला परल रह
३३. जत्ते के बहु नै ओत्ते के लहठी
३४. सडलो भुन्ना त' रोहू के दुन्ना
३५. अघाएल बगुला के पोठी तीत
३६. नाम बड़का बाबू आ धोती भाड़ा पर
३७. जे सब सौं छोट से उनचास हाथ
३८. मेहनत करे मुर्गी आ अंडा खाय दरोगा
३९. हरबरी के बियाह में कनपट्टी पर सिन्दूर
४०. राम भरोसे हिन्दू होटल
४१. हाथ पाँव में दम नै आ ककरो स कम नै
४२. देह पर नै लत्ता, आ चलय कलकत्ता
४३. बाँध से खड्ढा ऊँच
४४. अलखोसरी के दू टा फोसरी भेल, एक गो फुटि गेल, एक गो टहकै ये
४५. बात मानलौं मुदा खुट्टा गारब बिच्चे में
४६. सब करनी दाई के आ नाम भौजाय के
४७. झोरीमें किछ नै बज़ारमें धक्का !
४८. सुगा के बजाबि तऽ बज्बे नै करे आ तीसी झन - झन बाजे
४९. जखने कहलक कक्का हउ, तखने बुझलौं खुरपा हेरेलउ
५०. माछक सम्बन्धे कांकौर नाना
५१. बिनु बजायेल कोहबर गेलउँ, कनियाँ माय पूछय … कतय एलौं ?
५२. काम के न काज के आ दुश्मन अनाज के
५३. तोरा सौं खाय कम छियौ आउ बुझय बेसी छियौ
५४. हाथी बिका गेल , अंकुश जोगा क रखने छी
५५. हे रौ हेहरा केहन छें ……. मारि खाई छी, नीके छी
५६. अहि नगरी के इएह व्यवहार , खोलू धरिया उतरु पार / एहि नदियाक यैह व्यवहार, खोलू धरिया उतरू पार
५७. आईंठो खेलहुँ, पेटो नहि भरल
५८. बात में नय हटबय, काज में नय सकबय
५९. छोट खिखिर (लोमड़ी) के मोट नाँगैर
६०. बहिरा नाचे अपने ताले
६१. बाड़ी के पटुआ तीत
६२. सावन जनमल गीदड़, भादो एलै बाढ़ि, कहलक एहन बाढ़ि कहियो नहि देखलौ
६३. सब आम पे, घेघहि लताम पे
६४. खलिया बन्दुक ठाँय-ठाँय
६५. माघ मास ज मांगुर खाई , ससरि फसरि बैकुंठे जाई
66. करडीक थम्ह/ अबल दुबल पर सितुआ चोख
67. राडक बहु सबहक भौजी
68. ...मरौनी, भगमनिया नाम
69 चेल्हा पोठी चाल दे, रोहुक सीर बेसाय
70. ...ने चलए त' केरा भार
71. ... मे गुँह नै, नौ सुगर के नोता।
72. रुसल जमैया करता की, धिया छोडि मोर लेता की?
73. मुँह देख मुंगबा
74.राज महराज के बाँट करए बक्खो
75. अबल दुबल पर सितुआ चोख
76. हुअए त' ठाँव क'क' पादी, ने त' पदितो जाइ, भगितो जाइ। आपद धर्म
77. केहेन केहेन गेला त' मोंछ बला एला।
78. हर मे जँ तँ, चौकी मे बिहाडि
79. एक्के बेर मरने माइयो के चिन्हलहुँ
80. लंका मे जे बड छोट से 49 हाथ
81. सच्च कही त' मारल जाइ
82. कनने खिजने जम नहि पतियाए
83. ... ने धुअए से भगता हुअए
84. कौआक सरापे बेंग नै मरए
85. खस्सी मारि घरबैया खाय, हत्या लेने पाहुन जाय
86. मूइलो माए के गोनैर तर झपनाइ
सौजन्य : पोलटिकल थिंकर्स ऑफ़ मिथिला
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