कबिता

दिवाली धामाका (चुटकिला)

गुलटेन - बाउ हौ ! हौ बाउ ? ढौवा दा' न !!

मोहनलाल(गुलटेनके बाप) - है बुडबक ! रे ढौवा कैला चाही तोरा रे ??

गुलटेन - अँ हम नै फटका लेबै ? टोलाके सब छौडा किनलकैअ आ हम नै किनबै ??

मोहनलाल -रै छौडा रै ! एना तो हमर दिमाक कैला खैने छे ? नै नै कह' त भटका फोडिक कथी होइछै ??

गुलटेन - इह ! कथी होइहै ? आवाज सुनाइ है आ बड नीक लगैहै ।
मोहनलाल - अच्छा ! रै बेटा हे सुन न, जो न तहुँ टोलेके छौडासब संगे रैहे आ ओहेसब भटका फोरतै किने त सुनि लिहे ........

(गुलटेनमा अबाक्क ........... बाप टाप)

@Bindeshwar thakur

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