कबिता

ई गीत गाओल ने जाइ छै

ई गीत , हम कहैत छी, गाओल ने जाइ छै
खिस्सा अपन प्रेम के लिखल ने जाइ छै

जे मीत छल हमर ओ तऽ देलक धोखा
जे घाव अछि मोन मे, पोसल ने जाइ छै

छोड़बैक रहितै पीछा, जहरो छोड़ा दितै
ई जुल्मी याद जुल्मी के छोड़ल ने जाइ छै

किछु लोक रोकि लेलक निज जान दै सँ
ई नोर नयन कुंड के रोकल ने जाइ छै

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