कबिता

कत् गुणगान करब तोर जननी
नहिं सामर्थ्य हमर हे जननी
कत् गुणगान करब...........

कएल कतेकहु तोर उपकारे
विलटल निरशल सब तोर भारे
हे अम्बे'''''''''''''
कत् गुणगान करब.............

बिसरि सभक अपराध भवानी
बनल सभक हित माँ कल्याणी
हे अम्बे''"""""""""
कत् गुणगान करब..............

दुर्मति दुर्गे दूर भगाओल
तनय परम सुख सन्मति पाओल
हे अम्बे""""""""""""
कत् गुणगान करब..............

सदिखन सबदिन करहु निमेरे
एतबहि एहि सुत केर नेहोरे
हे अम्बे"""""""""""""
कत् गुणगान करब...............
नहिं सामर्थ्य हमर................

अमित पाठक

जय माता दी

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