कबिता


सुनु हे भवानी मैया हेरु नजरिया
ऐलौं हे माय हम अहां के दुअरिया

करब नेहोरा माय गहब चरणमा
नीपब पीड़ी और धोअब अंगनमा
सुमिरब सदिखन करब गोहरिया
ऐलौं हे माय हम............

पड़ल विपत्ति केर बोझ बड़ भारी
करहु दया हे अम्बे मेटहु लचारी
विलटल सुत केर हरहु विपतिया
ऐलौं हे माय हम.............

छोड़ब ने चौकठि सुनब ने जा धरि
मूनल नैना मैया खोलब ने जा धरि
जँ ने धरब सिर सिनेह अँचरिया
ऐलौं हे माय हम................
सुनु हे भवानी...................
अमित पाठक

0 टिप्पणियाँ Blogger 0 Facebook

 
अपन मिथिला © 2016.All Rights Reserved.

Founder: Ashok Kumar Sahani

Top