कबिता

एमकीक दियावाती मे

एमकीक दियावाती मे,
दिप जराबु कोना हम,
मारि मुक्का छाति मे,
एमकीक दियावाती मे।

नोर सँ भरल नयन,
बउक भऽ ताकय माँ,
कोख के खुनक छिट्टा,
लागल अछि टाटी मे,
एमकीक दियावाती मे॥

सुनि अवाज फट्टका,
मन मे फाटल कुहासा,
हमरो बौवा लगौने छल,
आगि फुलझरी सँ गाँती मे,
एमकीक दियावाती मे।

खुशी सँग दिप जराबी,
मन छल हमरो मुदा,
तखने पानि टघार भेल,
सलाइयक काठी मे,
एमकीक दियावाती मे॥
-रंजित झा

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