कबिता

हाँस्य गजल -२
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अहाँ पुलिस ,
हम चोर छी !

अहाँ साँझ छी ,
हम भोर छी !

अहाँ कारी छी ,
हम गोर छी !

अहाँ आँइंख ,
हम नोर छी !

अहाँ तोरी छी ,
हम तोर छी !

अहाँ बाँस छी ,
हम पोर छी !

अहाँ शिर छी ,
हम मौर छी !

अहाँ तिमन ,
हम झोर छी !

अहाँ घटाऊ ,
हम जोर छी !

@Papa Papa Mike

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