कबिता

सदति ओ हमरे पऽ मरैत रहलै !
देख देख कऽ दुनया जरैत रहलै !!

मगन छलियै दुनूगोटे अपने में !
आ पागल बुझि लोक हँसैत रहलै !!

नेहक दिया जग बुझाब चाहलक !
आरो बेसी इजोत सँऽ बरैत रहलै !!

छै कतेक तागक स्नेहक डोर में जे !
प्रेमक आगु संसार झुकैत रहलै !!

प्रेमक खेलमे सफल छै अशरफ !
धर्ती सँऽ उड़ि गगन चुमैत रहलै !!

शरल वार्णिक बहर वर्ण :14
अशरफ राईन
हॉल :क़तार

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