कबिता

(मैथिली छठी गीत)
दिप गायक घी मे जरेलौं.
दुईब धान स थाङी सजेलौं..
सब मिल
कि सब मिल चलै चलु आरती उता'र, छठी मैया गाम एलखीनया.
हाथी लावन कुरवा बैसा देलियै.
सब पर दिप हम जरा देलियै..
डाली सबटा देखु न सजा देलियै.
सेनुर पिठार सेहो लगा देलियै..
धरू मैयाजीक ध्यानमा.
देती मैयाजी वरदनमा..
सब मिल
कि सब मिल चलै चलु रुप निहा'र, छठी मैया गाम एलखिनया.
कि सब मिल चलै चलु आरती उता'र, छठी मैया गाम एलखिनया..
माँ दादी भेलिया जल मे ठाङ.
नैया लागत सबके सुनू किनार..
लि'य डाली अर्घिया दियौन उठा.
रुसल मैयाक अहाँ लि'य ने मना..
सूरज भारती गीत बनाबै.
सुनील शानु गाबि सुनाबै..
सब मिल
कि सब मिल चलु जयकारा लगा'ब, छठी मैया गाम एलखिनया.
कि सब मिल चलै चलु आरती उता'र, छठी मैया गाम एलखिनया...
गीतकार - सूरज भारती (

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