कबिता

स'मधि खाऊ खाऊ खाऊ
स'मधि खाऊ खाऊ खाऊ
लागल सचार चट क'र उठाऊ
स'मधि खाऊ खाऊ..........

समधिन के सुधि छोड़ि तोड़ु ने तरुआ
हुनका लए जीबै छै गउआं आ घरुआ
माथा सँ समधिन के चिंता हटाऊ
स'मधि खाऊ खाऊ..........

पोषु ने पेट आब मुँह की तकै छी
पसरल यए व्यंजन कथी लए झखै छी
लाज-धाख छोड़ि अपन ओजन बढ़ाऊ
स'मधि खाऊ खाऊ ..........

बेटा बेचै में ने लाज भेल कनिको
टाका गनेलौं लेलौं गाड़ी पुरनको
चइढ़ फटफटिया यौ धुआँ उड़ाऊ
समधि खाऊ खाऊ...........

रोष नहिं मानु स'मधि अहिना ई होइ छै
न'व समधियाना में सब क्यो सुनै छै
आऊ सब स'मधि के डहकन सुनाऊ
स'मधि खाऊ खाऊ...........
लागल सचार चट ............
स'मधि खाऊ खाऊ...........
अमित

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