<====>🌹 गजल 🌹<====>
मन्द मुसकी सँऽ गेलौ लकऽ जान अहाँ ..!
हमर अहीँ तऽ छलौ प्रिय प्राण अहाँ ..!!
याद करिते बितै प्रिय आठो पहर ..!
तोडि देलौ एक पलमे यी शान अहाँ ..!!
कि.? खेल खेललौं अहाँ मोहरा बनाकऽ ..!
तीर तोडि देलौ बनिकऽ "कमान "अहाँ
सदिखन तडपैय मोन बिरह मे ..!
सखाप केलौ सबटा अरमान अहाँ
पागल,अभागल राज आब करौ कि ..?
किया एना बनिगेलौ बेइमान अहाँ ..!!
सरल वार्णिक बहर
अाखर ..१४
लेखक: राजदेब राज ..!
ठेगान : चोहर्वा सिरहा ( नेपाल)
हाल : मलेशिया
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