कबिता



मिथला में मोजरल आम


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मिथिला में देखू मोजैर गेल आम
मिथिलक इ छी वसंतक पहचान

सब मैथिल आबै जौ अपन अपन गाम
माँजी खुएती मुहठी काटल आम

जननी के अटकल अहिं में प्राण
हुनकर आहाँ छि छातीक जान

बाट तकै छथि सबहक समांग
एकाकी भेल अछि आहाँक दलान

बीतल जाईए समय मूल्यवान
अहिना बीतैत भय नै जाय शाम

जल्दी सौं कय लिय अपन काम
छुट्टी हुए त अवश्य आवि गाम

सब मैथिल के हृदय सौं प्रणाम
सब किछु नीक करथिन सीताराम


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