भगजोगनी सन चाईल किय तो बदलै छे,
कखनो पियर,कखनो कारी रँग देखबै छे ।
तोरा चोवनिया मुसकान पर लाख टाकाके,
जान गुमैतै एहन, चमत्कार किय करै छे ।।
ओना हमहु घायल भेल छि तोरे नजैर स ,
एहन जाल किय,मकरा जिका फैलबै छे ।
सुखल पात हरिया जैतै रेतपर बारिस भजैतै,
एहन जोगिनिया नजैर तो, किय चलबै छे।।
अपने पर गुमान नै जवानी घिसा जैतो,
एना जे चलबिहि तो कतेक पिसा जैतै ।
गिरगिट जिका रंग नै बदल फुल बैन्करह,
दंगा फसात होतै मुदा भँमराके नाम मिटजैतै ।।
बिजोरमे निन्दनै अबो संगे जोर भजो,
निक लगतो तोरो आ बिस्तर सजत हमरो ।
हमरो मन करैय माथपर मौर चढाईए लिति,
तो छे सामुने पडल हम तकैत छली कोमरो ।।
सोगारथ यादव
पुरन्दाहा--- धनुषा धाम
हाल---- 【दोहा कतार)
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