जय मिथिला
अपन मिथिला सुनर मिथिला
<><><><><><><><><><>
एखन मिथिला में खूब जमैये
गिरहत किसान सब बाधे रहैये
कतौह देखियौ गहूंम पटैये
ओही खेत में बगुला उरैये
धियापुता सब साग तोरैये
सागक तीमन खूब चलैये
कहियो बथुआ साग बनैये
कहियो खेसारी तीमन रहैये
आमिल दय के खूब रूचैये
बचल खुचल के बिरिया बनैये
मिथिला में आनंदक बसात बहैये
0 टिप्पणियाँ Blogger 0 Facebook