जिनगी आहाँ अपन सबारि गेलौ
जीवते जी हमरा आहाँ मारि गेलौ
प्रीत हमरा सँऽ सिंन्दूर दोसर केऽ
चला आहाँ छुरी करेजा फारि गेलौ
लगा आगि प्रीतक महल में आहाँ
प्रेमक बस्ती हमर उजारि गेलौं
हमर इजोत घर अन्हार कैरऽ
दोसर अँगनामे दिया बारि गेलौं
किछ कमी छबे छल अशरफ़ मेंऽ
तैऽआब हम जितियो कऽ हारि गेलौं
सरल वार्णिक बहर
वर्ण:१३
अशरफ़ राईन
सिनुरजोडा,धनुषा
हॉल:क़तार
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