कबिता


हम आबिगेलौं
अहाँ भागिगेलौं

प्रेमक बिछोड
मन मुर्छागेलौं

बेवफाके रूप
अहाँ देखागेलौं

हमरा रहितो
हाथ रंगालेलौं

संग दोसरके
डोलि चैढगेलौं

हसैंत ई मन
उदास कऽ गेलौं

सोगारथ यादव

✔ @[480690508763222:]

#अपन_मिथिला

0 टिप्पणियाँ Blogger 0 Facebook

 
अपन मिथिला © 2016.All Rights Reserved.

Founder: Ashok Kumar Sahani

Top