मैथिलि गजल Facebook Twitter Google+ हम आबिगेलौं अहाँ भागिगेलौं प्रेमक बिछोड मन मुर्छागेलौं बेवफाके रूप अहाँ देखागेलौं हमरा रहितो हाथ रंगालेलौं संग दोसरके डोलि चैढगेलौं हसैंत ई मन उदास कऽ गेलौं सोगारथ यादव ✔ @[480690508763222:] #अपन_मिथिला
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