कबिता

एहेन प्यार दिय मैया,हमरा कल्याण भ' जाय
नयन खुल्ल रहे आ बन्द मैया,तोहर दर्शन भ' जाय

कोनो कमि नै रहिजाय मैया,हमर भक्तिमें
नित दिन बरकैत हुवे मैया,हमर भाग्य रेखामें
जखन भटकिजाय हमर डेग कहियो मइया,
तँ तोहर इशारा भ'जाय
एहेन प्यार दिय मैया,हमरा कल्याण भ' जाय

तोरे चरणमें रहिक मैयाँ, दिन राती गुणगान करबो
मग्न रही तोहर भक्तिमें हम,तोहर जय जयकार करबो
यतेक प्यार मिलै तोहर आँगनमें मैयाँ,हमरो एकटा आँगन भ'जाय
एहेन प्यार दिय मैया,हमरा कल्याण भ' जाय

नै रहैय शंका कोनो ककरो हम, 'अशोक' तोहर छियो
हमहुँ सानसँ कहि सकी हम,तोहर नयनकऽ तारा छियो
हम कहियो नै भुलबो आँगन मैयाँ, अदि ऐह बिन्ति तोरा मंजूर भ'जाय
एहेन प्यार दिय मैया,हमरा कल्याण भ' जाय

__✍अशोक कुमार सहनी
लहान ४ रघुनाथपुर
हॉल 【दोहा क़तार】

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