कबिता

मैथिलि शायरी 


हरीयर पात आ पिअर सरिसो मरजल गाछ में आम
फूल सुगँध रँग आ खुशी सभ आई अहाँक नाम

सुरुज तरेगन बादल साओन सभ अहाँके देने छी
सम्हारि राखू हृदयक चँद्रमा लिखलहुँ अहाँक नाम....!


✍👤अज्ञात


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