कबिता

#एक_बेर_करबह_मधुर_मिलान...


✍👤Priyaranjan Jha

पहिलुक बेर जे देखलहुँ हुनका
नैन सँ नैनक भेल मिलान
तखनहि हिया हारि बैसलहुँ हम
छण मे भ' गेल प्रेमक ज्ञान 

फुजल करिया केश बदरी सन
मुख एनमन लागै छल चान
छह-छह रहै इजोरिया पसरल
मद मातल छल ओकर गुमान

उगैत सुरुज सन ठोरक लाली
ताहि पर जनमारा मुस्कान
नैन कजरीया निर्मल इनार सन
सागर सन यौवन करै उफान

चुड़ीक खनखन पायल के रुनझुन
मधुर संगीत के सुर समान
तेहने मधु सन मीठगर बोली
लागै बुलबुल छेरलक तान

सब के सुनलह हमरो सुनहक
कनिये अरजी हौ भगवान
घोरि दूध मे भांग चढ़एबह
एक बेर करबह मधुर मिलान
Priyaranjan Jha
#दड़िमा_केवटी_दरभंगा..।

कवि - Priyaranjan Jha जी

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