मिथिला भ्रमण ( गीत )
शिव कुमार झा टिल्लू
************************************************
दक्षिण अमिय बहाबथि गंग उत्तर कमला जलक तरंग
गण्डकी कोसी महक उमंग सजना गामक घाट नहायब !
चलब बहेड़ी खएब मखान सरस पतैली गमगम पान
बहथि सरैसा सरल बलान हे यौ चलू'ने संग घुमायब !
सभदिन रहलहुँ अहाँ प्रवास हम्मर नैहरा मिथिला वास
देखब लागल खेतमे चास बथुआ सरिसब साग चखायब !
सिखबै भक्ति पिरीत प्रगीत सगरो कवि कोकिल रसगीत
देखबै झगड़ा लागत प्रीत देसिल वयना गीत सुनायब !
मिथिला राज विदेहक देश जनमल एतहि वीर सलहेस
उदयन भारती ज्ञान विशेष सभ दर्शन के तत्व सिखायब !
रंग बिरंगक पावनि तिहार सभमे मीठ भोज्य व्यवहार
हमरे माटिमे बुद्ध विहार हे शिव आनि एतहु छिड़िआयब !
✍👤शिव कुमार झा 'तिल्ली'
शिव कुमार झा टिल्लू
************************************************
दक्षिण अमिय बहाबथि गंग उत्तर कमला जलक तरंग
गण्डकी कोसी महक उमंग सजना गामक घाट नहायब !
चलब बहेड़ी खएब मखान सरस पतैली गमगम पान
बहथि सरैसा सरल बलान हे यौ चलू'ने संग घुमायब !
सभदिन रहलहुँ अहाँ प्रवास हम्मर नैहरा मिथिला वास
देखब लागल खेतमे चास बथुआ सरिसब साग चखायब !
सिखबै भक्ति पिरीत प्रगीत सगरो कवि कोकिल रसगीत
देखबै झगड़ा लागत प्रीत देसिल वयना गीत सुनायब !
मिथिला राज विदेहक देश जनमल एतहि वीर सलहेस
उदयन भारती ज्ञान विशेष सभ दर्शन के तत्व सिखायब !
रंग बिरंगक पावनि तिहार सभमे मीठ भोज्य व्यवहार
हमरे माटिमे बुद्ध विहार हे शिव आनि एतहु छिड़िआयब !
✍👤शिव कुमार झा 'तिल्ली'
![]() |
कवि - शिव कुमार झा 'टिल्लू' जी |
0 टिप्पणियाँ Blogger 0 Facebook