पैर मे पायल छम-छम छम्कबैत रहु
✍👤मनोज कुमार राउत
टाका सँ रूप के अहाँ चम्कबैत रहु
मुहँ पऽ ऐस्नो पाऊडर लगबैत रहु
कान मे झुमका नाक मे नथुनी लगा
अहाँ हरदम रूप सजबैत रहु
ठोर मे लाली माथ पऽ टिकुली
पैर मे पायल छम-छम छम्कबैत रहु
टाका के मोल नै जनली अहाँ
दिन रायत खुन पसिना बहबै छी कोना
प्रदेश मे एक-एक पाई जमा, करै छी कोना
अहाँ हरदम फैसन मे मातल, रहै छी कोना
हाथ मे चुरी पैर मे पायल छम्कबैत रहु
टाका सँ रूप के अहाँ चम्कबैत रहु
✍ 👤 मनोज कुमार राउत
जनकपुर १२
हाल -रियाद सउदी अरब
✍👤मनोज कुमार राउत
टाका सँ रूप के अहाँ चम्कबैत रहु
मुहँ पऽ ऐस्नो पाऊडर लगबैत रहु
कान मे झुमका नाक मे नथुनी लगा
अहाँ हरदम रूप सजबैत रहु
ठोर मे लाली माथ पऽ टिकुली
पैर मे पायल छम-छम छम्कबैत रहु
टाका के मोल नै जनली अहाँ
दिन रायत खुन पसिना बहबै छी कोना
प्रदेश मे एक-एक पाई जमा, करै छी कोना
अहाँ हरदम फैसन मे मातल, रहै छी कोना
हाथ मे चुरी पैर मे पायल छम्कबैत रहु
टाका सँ रूप के अहाँ चम्कबैत रहु
✍ 👤 मनोज कुमार राउत
जनकपुर १२
हाल -रियाद सउदी अरब
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कवि - मनोज कुमार राउत जी |
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