सिराहा जिल्लाके एकटा गाम जत बुद्ध जयन्तीके दिन चढाबै छै हजारौं खशी ,परेवाके बली....
अशोक कुमार सहनी, दोहा क़तार, अपन मिथिला / बैशाख,२७ गते / सिरहा जिल्ला के लहान नगरपालिका १७ स्थित राजदेवी पञ्चावती मन्दिरमें बली चढाबैलेल बुद्ध जयन्तीके दिन भोर सँ श्रद्धालुसब हुइल करहल अछि। राजदेवी माताके कबुलाकेने सन्तान हेत , बेमारी से मुक्ति आ कोनो भी मनोकाङ्क्षा पूरा हेत से जनविश्वास अछि ।
एहि कारण बली दैकेलेल बुद्ध जयन्तीके साँझ से राजदेवी मन्दिर क्षेत्रमें भिडभाड देखल जाय छै । भोरे से हजारौं श्रद्धालु बली चढाबै लेल ‘लाइन’ लागल देखक जा सकै य । पूर्वपश्चिम राजमार्के से उत्तरमें लहान बजार से करिब ६ किलोमिटर ढोढना गाम स्थित राजदेवी पञ्चावती मन्दिर रहल अछि ।
ई मन्दिरमें खशी ,परेवा,हॉस, बली चढ़ावै के लेल सिरहा, सप्तरी, उदयपुर, धनुषासहित पड़ोसी मुलुक भारतके बिहार राज्यसे सेहो श्रद्धालुसब आरहल अछि ।
राजदेवी पञ्चावती मन्दिरके गोप्य रहस्य : खून में माछी नै लगै छै
बलि के खून में माछी नै बैसै छै ढोढना स्थित राजदेवी पञ्चावती मन्दिर १ बिघा ५ कठ्ठा ५ धुर क्षेत्रफलमें जङ्गलमें अछि । ई मन्दिरमें मूर्ति राजदेवीके प्रतिम अछि।
बाराके गढीमाई मन्दिरके बाद देश के दोसर संख्यामें खसि , आ परेवा,पंछी के बली दै वाल मन्दिरके रुपमें जानल जायत अछि । बुद्ध जयन्तीके दिन हजारौं पशुपंक्षीके बली यत चढाबैत अछि मुदा खुनके नदी बहैत देखल जासकै य । मुदा, एकटा माछी – किरा लगै छै ।
स्थानीय के कहनाम अछि– माताके शक्तिके कारण यत खून के नदी बहैत तैयो एकटा माछी आ किरा नै लगै छै । गन्ध सेहो नै आबैत अछि । बीतल वर्षसे बेशी बली चढ़ाई के अनुमान करहल अछि । स्थानीय वीरेन्द्र चौधरी कहै छै– वितल बर्षसब से बेशि ई वर्ष भीड बढल अछि। बीतल बर्ष २० हजार जते खशी के बली चढ्ल छेल। एहो वर्ष कम्तिमा २० हजार से ऊपर पुगै के अनुमान अछि ।’ बली चढाबै के संख्या वर्षेसे बढरहल उ थप कहलक ।
अशोक कुमार सहनी, दोहा क़तार, अपन मिथिला / बैशाख,२७ गते / सिरहा जिल्ला के लहान नगरपालिका १७ स्थित राजदेवी पञ्चावती मन्दिरमें बली चढाबैलेल बुद्ध जयन्तीके दिन भोर सँ श्रद्धालुसब हुइल करहल अछि। राजदेवी माताके कबुलाकेने सन्तान हेत , बेमारी से मुक्ति आ कोनो भी मनोकाङ्क्षा पूरा हेत से जनविश्वास अछि ।
एहि कारण बली दैकेलेल बुद्ध जयन्तीके साँझ से राजदेवी मन्दिर क्षेत्रमें भिडभाड देखल जाय छै । भोरे से हजारौं श्रद्धालु बली चढाबै लेल ‘लाइन’ लागल देखक जा सकै य । पूर्वपश्चिम राजमार्के से उत्तरमें लहान बजार से करिब ६ किलोमिटर ढोढना गाम स्थित राजदेवी पञ्चावती मन्दिर रहल अछि ।
ई मन्दिरमें खशी ,परेवा,हॉस, बली चढ़ावै के लेल सिरहा, सप्तरी, उदयपुर, धनुषासहित पड़ोसी मुलुक भारतके बिहार राज्यसे सेहो श्रद्धालुसब आरहल अछि ।
राजदेवी पञ्चावती मन्दिरके गोप्य रहस्य : खून में माछी नै लगै छै
बलि के खून में माछी नै बैसै छै ढोढना स्थित राजदेवी पञ्चावती मन्दिर १ बिघा ५ कठ्ठा ५ धुर क्षेत्रफलमें जङ्गलमें अछि । ई मन्दिरमें मूर्ति राजदेवीके प्रतिम अछि।
बाराके गढीमाई मन्दिरके बाद देश के दोसर संख्यामें खसि , आ परेवा,पंछी के बली दै वाल मन्दिरके रुपमें जानल जायत अछि । बुद्ध जयन्तीके दिन हजारौं पशुपंक्षीके बली यत चढाबैत अछि मुदा खुनके नदी बहैत देखल जासकै य । मुदा, एकटा माछी – किरा लगै छै ।
स्थानीय के कहनाम अछि– माताके शक्तिके कारण यत खून के नदी बहैत तैयो एकटा माछी आ किरा नै लगै छै । गन्ध सेहो नै आबैत अछि । बीतल वर्षसे बेशी बली चढ़ाई के अनुमान करहल अछि । स्थानीय वीरेन्द्र चौधरी कहै छै– वितल बर्षसब से बेशि ई वर्ष भीड बढल अछि। बीतल बर्ष २० हजार जते खशी के बली चढ्ल छेल। एहो वर्ष कम्तिमा २० हजार से ऊपर पुगै के अनुमान अछि ।’ बली चढाबै के संख्या वर्षेसे बढरहल उ थप कहलक ।
0 टिप्पणियाँ Blogger 0 Facebook