चल-चल बहिना मेला देखए माँ दुर्गा स्थान में
ऐल तमाशा रंग-बिरही आ चहल-पहल भरि गाम में
ऐल तमाशा...........
चल झटपट हो उ इठ विदा ने करहीं आब अबेर गे
दौड़ल चल मेला में नहि त' बीति जेतौ फेर बेर गे
चल छएं जहिना तहिना चलि दे हेतै धूम-धड़ाम गे
ऐल तमाशा.................
जगमग-जगमग गाम करै छै बाट-घाट सब साजल छै
दुर्गा-पूजा गामक अप्पन देखै लए जी लागल छै
आशिन महिना आबिते बहिना गाम बनल छै धाम गे
ऐल तमाशा.................
हेंज बान्हि क' जएब घुमैलए क'रब कीन-बेसाह गे
लड्डु-मुंगबा झिल्ली-मुड़ही लेब पान आ चाह गे
चढ़िते आशिन लागल सगरो एक पर एक दोकान गे
ऐल तमाशा.................
चल-चल बहिना..........
अमित जी
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