कबिता

सामाके शुभकामना संग ई रचना ...

भरि साल ओ रहली सासुर
नैहर आब बजाबू
एलै देखियौ खरनाके दिन
सामा चलू बनाबू
छोटकी बहिनो हंस बनाबू
जेठकी दिदी चकेबा
हम बनाबी ढोलकियासब
भौजी बनबू चुगला
एलै केहन सोहाबन रतिया
चकमक करै चंगेरा
ताँहिपर चारुदिस पसरल
सामा दाइके डेरा
गैयौ सबकिओ गीत गोसाओन
करियौ श्री गणेश
भैया जिता' सालो-साल
करथिन् कृपा महेश
समा-चकेबा खेलू बहिना
नीक गीतसब गाबू
भैया घर हो अनधन सोना
चुगलाके मुंह झरकाबू
 
बिन्देश्वर ठाकुर जी

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