कोशी कमला के धारा स, जिनकर कोख सजल अछि.
जतुका खिस्सा, वेद पुरानो म रचल अछि..
राजा जनक के धरती, विद्यापति के बागवान..
ओ छी हमर मिथिला धाम, ओ छी हमर मिथिला धाम..
मिथिला धाम - मिथिला धाम
होई छै सम्मान ज'त, सुनू ललका पाग स.
जरए चुल्हा सबहक, मेहनत के चिराग स..
कालीदास मूर्ख ज'त, बनला विद्वान.
ओ छी हमर मिथिला धाम, ओ छी हमर मिथिला धाम..
मिथिला धाम - मिथिला धाम
जाईत धर्म पर ज'त, कोनो नै विवाद छै.
मिल जुईल क रहथि, सब कियो आजाद छै..
जतुका मिठगर बोली, मैथिली अछि महान.
ओ छी हमर मिथिला धाम, ओ छी हमर मिथिला धाम..
मिथिला धाम - मिथिला धाम
मिथिला के पान मखान, नामी अछि संसार मे.
रश भरल छै सुनू,
कवि-कोकिलक विचार मे.
सूरज भारती क रहल अछि, हुनके गुणगान.
जे छी हमर मिथिला धाम, जे छी हमर मिथिला धाम..
मिथिला धाम - मिथिला धाम
गीतकार - सूरज भारती
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