कबिता

अपना दिलके बात हुनका कहि नै सकै छि!
यी मिठ मिठ दर्द आब सहि नै सकै छि !!

हे खुदा हमर तकदिर एहन बनादु कि वो !
हमरासे कहै हम ऑहा बिन रहि नै सकै छि !!

अशोक जी

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