कबिता

अहि छि जीव के अास प्रिय !
हम केलौ अहिं पऽ विश्वास प्रिय !!

प्रेमकऽ इ फुल हृदय मे फुलाकऽ !
तब करेलौ प्रेमकऽ एहसास प्रिय !!

मोनकऽ इ बात कहै छि अहाँ के !
अहि हमर जिनगीकऽ खास प्रिय !!

नै देख छि एको पल हम अहाँ के तऽ !
रुकि जाईय धडकन अा सांस प्रिय !!

किछ दिन करू प्रतीक्षा राजदेब के !
छोडि अायब अहाँ लेल प्रवास प्रिय !!

लेखक : राजदेब राज
ठेगाना : चोहर्वा सिरहा ( नेपाल )
हाल : मलेशिया  ।

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