कबिता

तोरे यादक सहारे जिनगी ई काटि लेबै
नैनाक नोर संगे दुःख सबटा बाटि लेबै

तड़पैत रहतै आँखि जऽ तोरा देख' लेल
तोरे देल ओ फ़ोटो कें हृदय में साटि लेबै

खुल्ला मोनक आँगन सँ चलि जेबे चान तू
हम त अपना हिस्सामे तरे कें फाँटि लेबै

कष्ट नहि होउक तोरा जिनगीमे कहियो
दर्द नुका तोरे ला' सुख सबटा छाटि लेबै

बिछोड़क पीड़ा जब सतौतै अशरफके
दारुएके अपन साथी मानि डे नाटि लेबै

सरल वार्णिक बहर
वर्ण :१६
अशरफ राईन
हॉल :सिनुरजोडा ,धनुषा

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