~~~~~~~ गजल ~~~~~~~
जीव रहल छि अपने संसार बनाकऽ
सुख दुख मोटरी क भार बनाकऽ
मोनक पीडा हृदय म नुका कऽ
हंसै छि गरिबी क पहार बनाकऽ
हमर सपना - सपने रहि गेल !
लोक घुमैए मारुती कार बनाकऽ !!
केहन विधना लिखलकै विधाता !
पिव रहल छि भातकऽ मार बनाकऽ
प्रवासी जिबन कटैए राजदेब !
अाँइखि नोर क धार बनाकऽ
लेखक: राजदेब राज
ठेगाना : चोहर्वा सिरहा (नेपाल)
हाल : मलेशिया
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