कबिता

माँ मिथिलाकेँ छातीमें
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चान हसैये सुरुज हसैये
हमरे अपना माटीमें
चिड़िया चुनमुन गीत गबैये
मिथिला माँकेँ छातीमें
मन्दिरमें बजैये घण्टी शङ्ख
मस्जिदमें पढ़ैये कुराण
प्रेमकेँ भाषा प्रेमकेँ गीत बजैये
राजा जनककेँ नगरीमें
कोशी कमला नीर बहैये
अंगनामें गंगा धार
धरती गगन झुइम उठैये
जखन अबैये खुशीकेँ तेव्हार
सिहकैये पवन उदंग मतवाली
कुहुकैये कोइली आम'क डाली
ठुमैक ठुमैक चलै मिथिलानी
गम-गम गमकै मिथिलाकेँ माटी
माथ'क चन्दन माटी हमर
गर्भ'सॅ चाकर छाती हमर
अपना'क भाग्यमानी कहैत छी
जन्म लेली माँ मिथिलाकेँ छातीमें
®प्रेमी रविन्द्र
सिंहासनी-७ महोत्तरी नेपाल
हाल:-मलेशिया

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