कबिता

आइ फेर कनियां सँ झगडा भ' गेल

निश्छल छल प्रेम मुदा बखरा भ' गेल
छोट-छोट बातमे नखरा भ' गेल
कनि हम तम्सैली
कने ओ तम्सैलीह
देखियौ भाइ आइए
रगडी-रगडा भ' गेल
आइ फेर कनियांसँ झगडा भ' गेल

हम ठहरलौ मजदूर खलासी
कनियां छथि झासीके रानी
जुरै नै अछि रोटी बासी
हुनका चाही बनारसी साडी
नै देलौ ताँहिला' खूब घिसियागेल
लगैए खा' क तगडा भ' गेल
आइ फेर कनियां सँ झगडा भ' गेल

हुनका चाही अंग्रेजी खाना
हम चाहैछी मैथिल दाना
कहैछी कतबो नै मानैए
कहूं अही कि होए जरिबाना ?
हमरा त ओ चुना लगा' गेल
लगैए प्रेम हमर फकरा भ' गेल
आइ फेर कनियां सँ झगडा भ' गेल

@Bindeshwar Thakur

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