सायरी Facebook Twitter Google+ रे हिया हमरा एतेक मजबूर नै कर चाहमे ककरो हमरेसँ तूँ दूर नै कर एकटा कित्ता अछि मोन सौँसे हमर ई बाँटि टुकड़ी-टुकड़ीमे अलग धूर नै करलेखक :- Kundan Kumar Karna #अपन_मिथिला
0 टिप्पणियाँ Blogger 0 Facebook