कबिता

छै मैथिल हमर नाम यौ
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हम मैथिल मिथिलाकेँ वाँसी
छै मैथिल हमर नाम यौ
सुन्दर सजल मिथिलाकेँ धरती
छै मिथिले हमर भगवान यौ

माछ पान मखान पकमान
छै हमरा सबकें जलपान यौ
सबरीकेँ जुठका बैर सन मिठ
छै हमरा मिथिलाकेँ पाइन यौ

दर्शनकेँ लेल दुनिया ललाहित
देखे जैइती मिथिला धाम यौ
लेपक अइती माथमें अपना
हमर माटी चन्दन समान यौ

एहिठा खेलली एहिठा कुदली
एहिठा भेलछी हम जवान यौ
एही माटीकें गुणगान करै छी
छै मैथिलप हमरा गुमान यौ

मैथली लिखै छी मैथली पढैछी
छै मैथलीमें हमर गितगान यौ
मिठ मधुर हमर अपने भाषा
छै मैथिल हमर नाम यौ

प्रेमी रविन्द्र
सिंहासनी-७महोत्तरी नेपाल
हाल:-मलेशिया

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