कबिता

देखुयो भैया नहि होइछै कनिको एकरा लाज यो
बियाहमें दहेज मांगै छै टाका सात लाख यो

सुदि संग दरसुदि जोड़ी कs ,नहि बनैत छै एतेक हिसाब यौ
बेटा छै एकर १२वीं पास पुतौह खोजैत छै बी.ए. पास यौ
बेटाके संग करैय, बरदके संग पैकार करैय काज यौ
देखुयो भैया नहि होइछै.......

देखूँ यौ भैया केहेन बरक' बाप छै आ अछि केहेन कुलखनदान यौ
बेटाके रुपैयाँसंग तोलैय जेना बनियाँ  तोलैय दुकानमे समान यौ
बर मांगै छथि मोटरसाईकल कनियाँके साथ यौ
देखूँ यौ भैया ........

देखूँ यौ भैया नहि छैक एकरा कनिको लाज, सरम आ विचार यौ
खालि चाही धन दौलत एकरा मान मर्यादासें नै कोनो सरोकार यौ
बेटी बचाबें उठबूँ सब मिल दहेज बिरूद्ध अवाज यौ
देखूँ यौ भैया........

भोला काका बजैत छल बैएठ दलान हमरा अखनो अछि धिआन यौ
कोना केने रहि अहाँक' विआहक' ओरियान अहि बातक' राखु कनि मान यौ
रोकू यी दहेजके मिलके हम सब सर-समाज यौ
देखुयो भैया  ......

अशोक कुमार सहनी
लहान ४ रघुनाथ पुर
हाल (दोहा क़तार )

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