सुरता ककरोला मुदा सूरत ककरो पास
जान ककरो मुदा प्राणमे ककरो आश
गुलाब चमेली संग हिर्दयेमे ओकरे फूल
जीबन सही त मिलल तै ककरो सुबास
उपराग नै जिनगीस आबो ककरो जीत
जं ई कुछ सांसारिक त हमहू ककरो दास
शुन्दरता संग हमहू चाहि ओकरो हित
प्रेमी "अब्दुल" संग नै रहली कहियो कास
शरल बर्निक बहर
बर्ण;१६
@ अब्दुल रज्जाक (धनुषा हरिपुर ४ )
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