कबिता

सब दिन सुन्लौँ अपन देशमे सगरो गन्धगी परल छै
आइ पता चलल कि देश हमर इ बन्हकी परल छै ।

सब किछ एत ओहने लगै छै मिता सब दिन
मुदा सागर जेहन मधेशके जिन्दगी जरल छै ।

देशक नेताके जेब खाली नै कखनो
गरिब निसहायके घर हरदम मन्दीसं भरल छै ।

हक अघिकारके हनन त बीत बीत पर है छै एत
चस्मा खोइलके देखियौ सच्चाइके भन्की खुजल छै।

अपन भाषा भेष आ देश बचाबै लेल निकैल चलल छै रसिया
तैहिसं हमर नाम इ दुनियामे पागल नन्दी धरल छै ।।

दिनेश रसिया
सौगात एफ एम लहान

#अपन_मिथिला

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