कबिता

------किसानक व्यथाक कथा------
हमर परबाबा स्वर्गीय सूर्य नारायण झा 25वर्ष धरी ‪#‎सकरी_चीनी‬ मीलक सेक्रेटरी रहल छला ! हमर सबहक जन्मों नही भेल छल मुदा हमर बाबा डॉ.मणिकान्त झा खिस्सा कहैत छैथ जे ओ समय छल जे मूनक -मून कुसीयारक जेक दलान पर लागल रहै किसान सब अपन -अपन पुर्जी कटाबै छल ! ओ टायर -गाड़ी पर कुसीयार लदाइ , हेजक हेज गाड़ी एके संगे चीनी मीलक लेल विदा होइ , समय पर किसान सबहक पैसा आईब जाय ,सब किसान कs अपने दलान पर पैसा देल जाय ,ओतबी नही मील सबसs उधार कर्ज सेहो कुसीयारक खेति करई लेल मिलै फेर उपजा नीक होइ आ मील अपन पैसा काईट लय , किसानक स्थिति नीक रहै निजी कुसीयार कल संचालक सेहो किसान सs मीलल रहै जे कुसीयार हमरे देता , एहसान कs भावना रहै किसानक प्रति निजी कल संचालक कs , तs बिच मs हम पूछी देलियय जे यौ फेर जे चीनी -मील चालू भs जाय तs केहेन रहतै बाबा -तs फेर व्यथा सुनाब लागई छैथ जे देखै छहक इ जे चबूतरा छह ओही पर कुसीयार पेराइ वला मशीन रहै रोज 30-40गो मजदूर काज करई एतबी नही गामक बहुते एहेन लोक छला जिनका ओही ठाम मशीन छलय , मजदूर काज करई ओ कुसीयारक रस लोक भोरे -भोर पीवै ,ओ सुगंध आवै , किसान सब बिगहा कs बीघा कुसीयारक खेति करई , हौ कुसीयारक खेति कs किसान सब दोसरा नाम पैसा वला खेति कहैं , किसान समृद्ध रहै सूखी रहै आन कोनो फसल मs भेल घाटा कुसीयारक खेति मs भेल नफ़ा मs मीनहा भs जाय ...मुदा आव सब चीनी मील बंद भs गेलै एक शब्द मs कहियह तs किसानक हाथ -पैर हरा गेलै ,आव जे कियो कुसीयारक खेति करई छैथ हूनका घाटे लागई छैन चीनी मील बंद भेला सs निजी कल संचालक मन मानी करई छै , औने -पौने दाम पर कुसीयार लय छै ,किसानों चीनी मील बंद भेला सs दई लेल मजबूर छैथ कियाक तs किसान कs अगीला फसल केनाय रहै छैन ,नई देथिन तs खेत वरदायल रही जेतै ताहि लs कs किसानों सब मजबूर छैथ,आ हौ बौउआ ओही लs कs जहिया सs चीनी मील बंद भेलय या तहीया सs खेति मs जान नही रही गेलै , मील मs काज केनीहार हजारों मजदूर बेरोजगार भs गेलै , सब अपनघर परिवार छोइर आन प्रदेश जा काज कs रहल छै , हालात बद सs बदतर भेल जा रहल छै , सब नेता कs नेतागिरी सs फुरसत नही छै , किसान सब कि करतै मून मोमोइस कs रही जाईया , सरकारो सुतल छै , लोको सब सजग नही छै , जे छै तकरा कियो एक सूत्र मs बन्हनाहर नही छै, ऐम्हर किसान आर्थिक तंगी सs जुझी रहल अछी , अगर चीनी मील चालू भs जाय तs जय जय भs जेतै , किसानक पुरनका रूतबा घूरी जेतै , बेरोज़गारी दुर भs जेतै , निजी कल संचालक कs मनमानी सs मुक्ति मील जेतै ,फेर ओ कुसीयारक सुगंध सs किसानक जीवन महकs लगतै ,पैसाक दिक्कत सेहो ख़त्म भs जेतै , किसानक कs बेसि लाभ हेतै ,आनों खेती नीक सs हेतै , ओ चीनी मील चालू भs जाय , तखन तs जय जय भs जेतै ........जय जय ...
ध्यान दि -इ एक मात्र किसानक व्यथा छल आव सोचीयौ जे पूरा क्षेत्रक किसानक व्यथा कs पोटरी केहेन हेतै .........
ताहि दुआरे हे मैथिल बंधु ,अग्रज ,अनुज ,बाबा ,कक्का भैया सब गोटे आऊ संगठन ,पार्टी जात -पात ,ईर्ष्या- द्वेषक भावना त्यागी 28मई सs चीनी मील महा -आंदोलन मs एक मैथिलक कर्तव्य सs आऊ, अपन कर्तव्य करी , पेहले अपने सब मैथिल छी तखन किछु और ......Msu
धन्यवाद
लेखक -सागर नवदीया ,क्रांतिकारी

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