==== गजल====
फटले पहिरक दिन , बितायब अपना देशमे
नुने रोटि खाँ कऽ ,दिवश गमायब अपना देशमे
पथरपर जौं फुल फुलैय ,अपन तँ माटी अछि
माटी जोइतक , सोना उबजायब अपना देशमे
दुखकऽ नोर पिहिकें छै,तँ पियब किय आन ठाम
चलु संगमे खुसिकें गीत , गायब अपना देशमे
अपनासँ दुर, रहि दिन राति बडा कठिन अछि
सभ संग रहि दु टका, कमायब अपना देशमे
मेहनत बिना दिन चरिया, कतौह नहिं कटतै
अपन देहक पसिना , बहायब अपना देशमे
__✍रामसोगारथ यादव
#अपन_मिथिला
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