कबिता

II मैथिली II
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जे बजैत होए सैह मैथिली ,नहि अछि बेजाय
मैथिली !
घरहिं बीच हेराय मैथिली बाहर मे सोहराय
मैथिली !!
अपन मायक बोल मैथिली बजबा मे अनमोल
मैथिली !
ताकि रहल भूगोल मैथिली ,करैत अछि किलोल
मैथिली !!
संविधान केर अंग मैथिली निजता केर अछि रंग
मैथिली !
सत्ता सौं अछि तंग मैथिली, अतीतहि भेल मतंग
मैथिली !!
अयाची केर गुमान मैथिली, गंगाक सिमान
मैथिली !
तिलकोरक पकवान मैथिल, विद्वताक दलान
मैथिली !!
चित्रकलाक साज मैथिली प्रगतिशीलक समाज
मैथिली !
दरभंगा केर राज मैथिली बसुन्धराक सरताज
मैथिली !!
चुरा-दहीक जेबनार मैथिली ,अरहुलक श्रृंगार
मैथिली !
पोखरि आ इनार मैथिली ,सिनेह केर हकार
मैथिली !!
उचैठक स्थान मैथिली, विद्यापति केर गान
मैथिली !
सोहर आ समदाउन मैथिली,जितिया देबउठान
मैथिली !!
पानमखानक भार मैथिली ,कमला कोशिक धार
मैथिली !
कोनटा आ चिनवार मैथिली ,सौराठ-वरदाहा
मैथिली !!
विदेहक अछि गाम मैथिली ,सिया धियाक धाम
मैथिली !
बड्ड दिब अछि नाम मैथिली ,जन जन केर प्रणाम
मैथिली !!

कविता  Vikash Jha जी

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