कबिता

।। मिथिला महान।।
----- गीत-----
सुनु यै बहिनाऽ सुनु यौ भैया।
हम मैथिल छी,मिथिलावासी,
हऽम करी गुनगान।
ऐला महादेब ऊगना बनि क,
जतऽ हमर या गाम।
हमर मिथिला. ..ऽऽ मिथिला महान।..2
*
सीताक गाम आ रामक सासुर ,
धाम जनकपुर मिथिला मे।
जेतऽ रिझाउला रामहुँ आबि,
सम्मान ऐहन अछि मिथिला मे।
कोसी कमला बहैया निर्मल
पैर पखारै मिथिला कें।
जेतऽ दिनानाथ सुरज कहबैय,
भोर पहिल अछि मिथिला कें।
मिथिला...ऽऽ मिथिला महान..2
*
पान मखान कें रीति चलैया,
प्रीति प्रथम अहि मिथिला मे।
बहिन भरदुतीया, माय करै जितीया,
स्नेह अपार अहि मिथिला मे।
उदित नरायन कुंज बिहारी,
दिलीप आ माधव मिथिला मे।
पुनम दीदी कुमकुम गाबै,
रीत सुनाबै मिथिला मे।
मिथिला...ऽऽ मिथिला महान..2
*
गुड़ो सॅ मिठगर बोल या मैथिली,
हऽम कही अनमोल या मैथिली।
विद्यापति रचि मैथिली गेला,
सुनि मगन शिव शंकर भेला।
सुनु यौ बौवा सुनु यौ बाबु,
आपन भाषा जुनि बिसराबु।
हमर आहांक शान या मिथिला,
भारत के सौभाग्य या मिथिला।
मिथिला...ऽऽ मिथला महान,
अपन मिथिला ऽऽ मिथिला महान...2।
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©सुबोध चौधरी।

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