किइए सुनतै अनकर आन हे अम्बे मैया
संकटमे अछि प्राण हे अम्बे मैया
अहंकार की पैसल यै महिखासूर कोनो
माइर दे भितरकेँ शैतान हे अम्बे मैया
चहुँदिस अन्हर उठल विपतिके जाउ कत'
ककुलति क' रहलौ संतान हे अम्बे मैया
एक तोरा पर छोड़ि भरोसक की हमरा
आसक यै दूभि आ धान हे अम्बे मैया
करेज हमर पाथर कहियो नञि करिहेँ
आओर ने दोसर वरदान हे अम्बे मैया
जयंती उपर कलश बैसा क' पूजा केलौं
मुदा नञि जानी जप ध्यान हे अम्बे मैया
~>.✍ मैथिल प्रशान्त
दुर्गौली, बेनीपट्टी ।
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