कबिता

🌹राखीक हाँथ🌹

लिखै छि बहीन तार
रखहेनै हमर आष।
छि हम समुन्द्र पारी
खालि रहतै एहोसाल हाँथ।

सबहक बहिन्या बन्हतै राखी
हमर बहिन तकत बाट।
कहिया एत घुईम भैया
हमहु बंटति मिल प्यार।

हेतै थालिमे सजाउल माला
चन्दनक कटोरी लेने हाँथ।
हकन कनैतहेत मुङ्गबा मिठाई
बस्याल छि देखनै भैयाक हाँथ।

सपना भगेल चौरक पिढिया
छहोरा पान अौर मखान।
जीहे तुहे लाख बरिष भैया
ललच्यालय सुनलेल कान।

लिखै छि बहिन तार
रखहेनै हमर आष।
छि हम समुन्द्र पारी
खालि रहतै एहोसाल हाँथ।

रचणाकार:-💘आनन्द राम💘
गाऊँ:-बर्छवा ९ सिस्वनी
हाल:-मलेसिया

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