:::::::::::::::::::गजल:::::::::::::::::::::
आब ईं मिथिला मे कोनो चमत्कार होबक चाहिं!
बिधुवा बालक,के बृद्के उपकार होबक चाहिं!!
जोगईंलौँ रीति रिवाज मिथिला मे मैथिल के!
संस्कृति भाषा भेष धान्ने संस्कार होबक चाहिं!!
गाऊँ गाऊंमे जा,क पिरा बुझू सबके!
सदन मे आब ऐहन सरकार होबक चाहिं!!
साँझे या बिहाने बेटी अपन अकेले बाट चलैए!
सुरक्षित होइए शान्ति के झन्कार होबक चाहिं!!
_✍सुरज कुमार प्रीतम जी
सिनुरजोडा़ ७,धनुषा
(हाल मलेशिया)
#अपन_मिथिला
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