मैथिली भाषामें कथा गोष्ठी सम्पन्न,नेपाल आ भारतके २२ गोटे कथाकारसब कथा बाच्चन केलक,
अशोक कुमार सहनी ,दोहा कातर, अपन मिथिला /चैत २९ गते। मैथिली भाषामे कथा गोष्ठी जनकपुरमें आय एक समारोह बीच सम्पन्न भेल अछि ।
मैथिली विकास कोष जनकपुरके आयोजनामें स्थानीय सीता प्यालेस होटलमें आयोजन भेल गोष्ठीमें नेपाल आ भारतके २२ गोटे कथाकारसब कथा बाच्चन केने छेल। बाच्चन भेल कथा ऊपर विद्वानसब समीक्षा सेहो केने छेल ।
कथा बाच्चन करैलेल महत्वपूर्ण कथाकारसब डा. राजेन्द्र विमल, डा. रेवतीरमण लाल, रामभरोष कापडि भ्रमर, अयोध्यानाथ चौधरी, रोशन जनकपुरी, श्यामसुन्दर शशि, सुजीतकुमार झा, ऋषि वशिष्ठ, राजेशकुमार कर्ण, विजय दत्त मणि, राजेन्द्र ललन, सुनिल मल्लिक, विजेता चौधरी, पूनम झा मैथिली, नित्यानन्द मण्डल, जयन्त ठाकुर, कैलास दास, राजाराम सिंह राठौढ, नामदेव, अरविन्दकुमार यादव लगायतके रहल छेल । बाच्चन कथा ऊपर डा. भोगेन्द्र झा, रोशन जनकपुरी, अजित अजाद आ नित्यानन्द मण्डल समीक्षा केने छेल ।
कथाकारसब समाजिक, परिवारिक, राजनीतिक पृष्ठभूमिके कथ्यसब बेसी रहल छेल।
मैथिली विकास कोषके अध्यक्ष जीवनाथ चौधरी मैथिली साहित्यके सबसs बेशी लोकप्रिय विद्या कथा रहयसे युवकसब के कथा लेखन तरफ जगाबैलेल एहेन यसप्रकार के कार्यक्रम केली से जानकारी देने अछि । गोष्ठी में बाच्चन भेल सब कथासब के कोष के तरफ़ से किताव के रुपमें निकालब सेहो जानकारी करौने अछि ।
मैथिली गद्य साहित्यके सुरुवात चौदहो शताब्दीमें भेल अछि।
वर्णरत्नाकरके रचना पहिल भेल अछि । किताब लिखै केलेल एहेन गोष्ठी कार्यशालाके काज करहल मैथिलीके वरिष्ठ साहित्यकार डा. राजेन्द्र विमल बतौलक । मुदा एहेन कार्यक्रम सब सबदिन निरन्तरता दिय परत से रहाँ सुझाव देने छेल। कार्यक्रमके संयोजक कोषके सदस्य अशोक दत्त रहल छेल।
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पोस्ट - अशोक कुमार सहनी
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अशोक कुमार सहनी ,दोहा कातर, अपन मिथिला /चैत २९ गते। मैथिली भाषामे कथा गोष्ठी जनकपुरमें आय एक समारोह बीच सम्पन्न भेल अछि ।
मैथिली विकास कोष जनकपुरके आयोजनामें स्थानीय सीता प्यालेस होटलमें आयोजन भेल गोष्ठीमें नेपाल आ भारतके २२ गोटे कथाकारसब कथा बाच्चन केने छेल। बाच्चन भेल कथा ऊपर विद्वानसब समीक्षा सेहो केने छेल ।
कथा बाच्चन करैलेल महत्वपूर्ण कथाकारसब डा. राजेन्द्र विमल, डा. रेवतीरमण लाल, रामभरोष कापडि भ्रमर, अयोध्यानाथ चौधरी, रोशन जनकपुरी, श्यामसुन्दर शशि, सुजीतकुमार झा, ऋषि वशिष्ठ, राजेशकुमार कर्ण, विजय दत्त मणि, राजेन्द्र ललन, सुनिल मल्लिक, विजेता चौधरी, पूनम झा मैथिली, नित्यानन्द मण्डल, जयन्त ठाकुर, कैलास दास, राजाराम सिंह राठौढ, नामदेव, अरविन्दकुमार यादव लगायतके रहल छेल । बाच्चन कथा ऊपर डा. भोगेन्द्र झा, रोशन जनकपुरी, अजित अजाद आ नित्यानन्द मण्डल समीक्षा केने छेल ।
कथाकारसब समाजिक, परिवारिक, राजनीतिक पृष्ठभूमिके कथ्यसब बेसी रहल छेल।
मैथिली विकास कोषके अध्यक्ष जीवनाथ चौधरी मैथिली साहित्यके सबसs बेशी लोकप्रिय विद्या कथा रहयसे युवकसब के कथा लेखन तरफ जगाबैलेल एहेन यसप्रकार के कार्यक्रम केली से जानकारी देने अछि । गोष्ठी में बाच्चन भेल सब कथासब के कोष के तरफ़ से किताव के रुपमें निकालब सेहो जानकारी करौने अछि ।
मैथिली गद्य साहित्यके सुरुवात चौदहो शताब्दीमें भेल अछि।
वर्णरत्नाकरके रचना पहिल भेल अछि । किताब लिखै केलेल एहेन गोष्ठी कार्यशालाके काज करहल मैथिलीके वरिष्ठ साहित्यकार डा. राजेन्द्र विमल बतौलक । मुदा एहेन कार्यक्रम सब सबदिन निरन्तरता दिय परत से रहाँ सुझाव देने छेल। कार्यक्रमके संयोजक कोषके सदस्य अशोक दत्त रहल छेल।
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पोस्ट - अशोक कुमार सहनी
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