कबिता

अपन मिथिलाक बारे लोक जे-जेना सोचए ... जे किछु कहए .... मुदा हम अपन मातृभूमी जा' जे देखलियै से लिखलहुँ अछि । 

   💐गजल💐



✍👤विन्देश्वर ठाकुर 

पुर्णिमाक चान जकाँ अपन मिथिला 
कोइलीक गान जकाँ अपन मिथिला

सुनबामे कर्णप्रिय, रसगर, मधुरगर
संगीतक सूर तान जकाँ अपन मिथिला

बेटाक कर्म पर गर्व हो बापके 
ठीक ओहने स्वभिमान जकाँ अपन मिथिला

प्रेमग्रन्थ रचैत कोनो प्रेमिकाक  यादमे
मृदूल बखान जकाँ अपन मिथिला 

मानवता केर पाठ सीखैत जतऽ नित दिन 
ओएह गीता-कुरान जकाँ अपन मिथिला

#विन्देश्वर_ठाकुर
४/०५/२०१६


कवि - विन्देश्वर ठाकुर जी

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